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लिखित और अलिखित संविधान में क्या अंतर है


संविधान क्या है 


किसी देश या संस्था का संविधान उस देश या संस्था को संचालित करने के लिए एक संहिता या दस्तावेज होता है जिसमे उस देश के चरित्र, संगठन को निर्धारित करने के साथ साथ उस देश को चलाने के लिए आवश्यक नियमों और कानूनों की व्यवस्था होती है। संविधान द्वारा ही किसी देश की संपूर्ण राजनितिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था और नागरिकों के हितों की रक्षा की व्यवस्था की जाती है और देश या संस्था विकास के मार्ग पर अग्रसर होती है। 


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दुनियां में हर देश का अपना संविधान होता है जिसके द्वारा वहां की शासन व्यवस्था चलती है। विश्व में दो तरह के संविधान का प्रचलन है लिखित संविधान और अलिखित संविधान। अधिकांश देशों के पास अपना लिखित संविधान होता है। विश्व का सबसे पहला लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका का है जबकि दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत का है। किन्तु कुछ देश ऐसे भी हैं जिनके पास अलिखित संविधान होता है। जैसे इंग्लैंड और सऊदी अरब का संविधान।




लिखित संविधान क्या होता है 




लिखित संविधान किसी देश की शासन व्यवस्था को चलाने का एक संगठित, सुव्यवस्थित , सुनिश्चित और सीमित दस्तावेज होता है। इसी के द्वारा उस देश की राजनैतिक व्यवस्था, न्याय व्यवस्था आदि का परिपालन होता है। लिखित संविधान का निर्माण जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के द्वारा गठित संविधान सभा के द्वारा होता है। लिखित संविधान एक स्पष्ट और टू द पॉइंट संविधान होता है। लिखित संविधान एक निश्चित समय पर तैयार होता है और एक निश्चित तिथि को इसे अधिनियमित और लागू किया जाता है अर्थात इसे बार बार नहीं बनाया जाता है। लिखित संविधान वैसे तो काफी कठोर संविधान माना जाता है किन्तु इसमें संशोधन की व्यवस्था रहती है। हालाँकि कुछ देशों का संविधान कठोर नहीं है। लिखित संविधान में संशोधन के लिए कुछ देशों में काफी लचीली व्यवस्था होती है जैसे श्रीलंका का संविधान वहीँ कुछ देशों में संशोधन की प्रक्रिया काफी कठिन होती है जैसे अमेरिका के संविधान में। कुछ देशों में संशोधन लचीले और दृढ दोनों तरीके से होते हैं। जैसे अपने देश भारत का संविधान। 


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अलिखित संविधान किसे कहते हैं 



अलिखित संविधान भी वास्तव में लिखित ही होता है। किन्तु इसको अलिखित संविधान कहने की अलग वजह होती है। इस तरह के संविधान का निर्माण पीढ़ियों की परम्पराओं के द्वारा होता है और इसके सृजन की प्रक्रिया सतत चलती ही रहती है। जब परिस्थतियाँ, और समय की जरुरत हुई तो एक नया विधान बना लिया जाता है। अलिखित संविधान के लिए किसी संविधान निर्मात्री सभा का गठन नहीं किया जाता बल्कि यह जनता के प्रतिनिधियों के द्वारा ही बनाये जाते हैं। न ही इसके सम्पूर्ण निर्माण की कोई तिथि होती है न ही इसे लागू करने की कोई तारीख होती है। यह जैसे जैसे बनता है लागू होता जाता है। अलिखित संविधान काफी लचीला माना जाता है और इसमें आसानी से संशोधन किया जा सकता है। अलिखित संविधान एकल शासन वाले देशों में ही प्रचलन में होता है। अलिखित संविधान में विधायिका को सर्वोच्च स्थान प्राप्त होता है। संसार के कुछ देशों ने संविधान का अलिखित स्वरुप अंगीकार किया है। हालाँकि ऐसे देशों की संख्या बहुत कम है। किन्तु यहाँ अलिखित संविधान होने की वजह उनकी परम्पराओं का समृद्ध होना है वहां के लोगों का जागृत और शिक्षित होना है।

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लिखित और अलिखित संविधान में क्या अंतर है

  • लिखित संविधान एक संविधान निर्मात्री सभा द्वारा निर्मित होता है वहीँ अलिखित संविधान परम्पराओं, सिद्धांतों और आवश्यकताओं के अनुसार निर्मित होता रहता है।

  • लिखित संविधान एक अधिनियमित संविधान होता है अर्थात इस संविधान पर इसके पूर्ण रचित होने की तिथि दी गयी रहती है इसके साथ ही इसके लागू होने की एक निश्चित तिथि भी होती है जबकि अलिखित संविधान एक अभ्युदित संविधान होता है। इसका मतलब यह है कि इसके पूर्ण रूप से रचित होने की कोई तिथि नहीं होती है और इसके सृजन की प्रक्रिया चलती रहती है।


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  • लिखित संविधान कानून के रूप में विधिवत अधिनियमित कानूनी दस्तावेजों में पाया जाता है। एक अलिखित संविधान में सरकार के सिद्धांत शामिल होते हैं जिन्हें कभी भी कानून के रूप में लागू नहीं किया गया है।



  • लिखित संविधान ऐसे देशों में होता है जहाँ एकल, संघीय या अर्ध संघीय शासन की व्यवस्था होती है जबकि अलिखित संविधान केवल एकल शासकीय व्यवस्था वाले देशों में ही होता है।

  • लिखित संविधान में न्यायपालिका, विधायिका से ज्यादा शक्तिशाली होती है कार्यपालिका का स्थान उसके बाद होता है जबकि अलिखित संविधान में विधायिका को सर्वोच्च स्थान होता है फिर न्यायपालिका और उसके बाद कार्यपालिका होती है।

  • लिखित संविधान में संशोधन हो सकता है किन्तु यह प्रक्रिया या तो एकदम लचीली होती है या एकदम कठोर। कई देशों के संविधान में संशोधन के लिए लचीले और कठोर दोनों प्रावधानों की व्यवस्था होती है जैसे भारत का संविधान। अलिखित संविधान में संशोधन की प्रक्रिया हमेशा लचीली होती है अर्थात इसमें आसानी से संशोधन हो सकता है।
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  • लिखित संविधान व्यवस्थित, निश्चित और सीमित होता है। यह एक योजनाबद्ध, और निश्चित उद्द्येश्य से रचित होता है वहीँ अलिखित संविधान अव्यवस्थित, अनिश्चित और असीमित होता है। इसके बनाने में किसी योजना का आभाव होता है।
लिखित और अलिखित दोनों ही संविधान किसी देश की शासन व्यवस्था की धुरी होते हैं और इन्ही के इर्द गिर्द देश की सारी व्यवस्थाएं चलती हैं। दोनों तरह के संविधान के आधार पर ही देश की समस्त राजनितिक, न्यायिक और अन्य कार्यप्रणाली चलती है। चूकि लिखित संविधान स्पष्ट और व्यवस्थित होते हैं अतः यह संविधान ज्यादा लोकप्रिय है और संसार के अधिकांश देशों ने इसे अपनाया है।

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