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लेज़र प्रिंटर और इंकजेट प्रिंटर में क्या अंतर है



लेज़र प्रिंटर और इंकजेट प्रिंटर में क्या अंतर है 



कंप्यूटर के प्रयोग करते समय हमें कई बार कई चीजों के प्रिंट करने की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में हमारे पास प्रिंट के लिए कई तरह के प्रिंटर उपलब्ध होते हैं। इन प्रिंटरों में कुछ लेज़र प्रिंटर होते हैं तो कुछ इंकजेट प्रिंटर। कई जगहों पर तो डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर का प्रयोग किया जाता है। इन प्रिंटरों का चुनाव प्रयोग हम अपनी आवश्यकतानुसार करते हैं। ये सारे प्रिंटर अपने अपने उद्द्येश्यों के लिए उपयोगी हैं। अतः जब जैसी आवश्यकता होती है उसी के अनुसार प्रिंटर का चुनाव करना चाहिए। आज के इस पोस्ट में हम लेज़र प्रिंटर और इंकजेट प्रिंटर के बारे में जानेंगे और साथ में यह भी जानेंगे कि लेज़र प्रिंटर और इंकजेट प्रिंटर में क्या अंतर है

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लेज़र प्रिंटर क्या है
लेजर प्रिंटर एक प्रकार का कंप्यूटर प्रिंटर है जो आमतौर पर कार्यालयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में विभिन्न कागजातों को प्रिंट करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। लेज़र प्रिंटर एक तीव्र गति से चलने वाला प्रिंटर होता है जिसकी प्रिंटिंग क्वालिटी काफी बेहतर और किफायती होती है। इस प्रिंटर में एक लेज़र किरण की स्कैनिंग के द्वारा छवि उत्पन्न की जाती है।


लेज़र प्रिंटर का इतिहास और अविष्कार  

लेज़र प्रिंटर का आविष्कार 1969 ईस्वी में गैरी स्टार्कवेदर के द्वारा किया गया था किन्तु इसका पहला वाणिज्यिक प्रयोग 1976 में IBM मॉडल 3800 था जिसका प्रयोग पत्र तथा अन्य दस्तावेजों के मुद्रण में किया जाता था। किसी ऑफिशल प्रयोग के लिए बनाया गया सबसे पहला लेज़र प्रिंटर 1981 में बना ज़ेरॉक्स स्टार 8010 था। इसके बाद 1984 में आया HP लेज़र जेट 8 ppm जिसमे कैनन इंजन का प्रयोग किया गया था। इसके बाद तो लेज़र प्रिंटर के एक से बढ़ कर एक मॉडल बाजार में आने लगे जो अपनी फ़ास्ट और स्पष्ट प्रिंटिंग के लिए लोकप्रिय होने लगे। 

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लेज़र प्रिंटर कैसे काम करता है 

लेज़र प्रिंटर में प्रिंट किये जाने वाले पेज का एक इमेज एक घूमते हुए आवेशित ड्रम जिसपर सेलेनियम परत चढ़ी होती है उसपर एक लेज़र किरण के रूप में प्रक्षेपित की जाती है। अब प्रकाश चालकता प्रकाश वाले क्षेत्रों से आवेश को हटा देती है और टोनर के अंदर कार्बन पाउडर ड्रम के आवेशित क्षेत्रों द्वारा चिपका लिए जाते हैं जो ऊष्मा की वजह से उस ड्रम के संपर्क में आये कागज़ पर आ जाते हैं और इस प्रकार वह इमेज कागज पर छाप जाता है। 


लेज़र प्रिंटर का कार्टरिज 


लेज़र प्रिंटर में स्याही की जगह कार्बन पाउडर या डस्ट का प्रयोग किया जाता है जिसे ड्रम के अंदर भरा जाता है। लेज़र प्रिंटर की प्रिंटिंग क्वालिटी काफी अच्छी और फ़ास्ट होती है। इसके साथ ही लेज़र प्रिंटर से प्रिंटिंग काफी सस्ता होता है। यही कारण है इस प्रिंटर का प्रयोग कार्यालयों में बहुत अधिक होता है।

इंकजेट प्रिंटर किसे कहते हैं

इंकजेट प्रिंटर कंप्यूटर प्रिंटर का ही एक प्रकार है जिसमे छवियों को प्रिंट करने के लिए सैकड़ों टाइनी गन्स के द्वारा कागज पर इंक के बौछार कराया जाता है। यद्यपि इंकजेट प्रिंटर की प्रिंटिंग थोड़ी स्लो होती है तो भी यह एक सस्ता और काफी लोकप्रिय कंप्यूटर प्रिंटर है।

इंकजेट प्रिंटर का अविष्कार 


दुनियां का पहला इंकजेट प्रिंटर इचिरो इंडो के द्वारा जापान में बनाया गया था। बाद में 1976 में हेवलेट पैकर्ड के द्वारा इसका विकास किया गया। और धीरे धीरे विभिन्न चरणों में यह आज के इंकजेट प्रिंटर की अवस्था में पंहुचा। 




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इंकजेट प्रिंटर कैसे काम  करता है 

इंकजेट प्रिंटर का प्रयोग ज्यादातर फोटो प्रिंट करने के लिए किया जाता है। इंकजेट प्रिंटर में प्रिंट के लिए काली तथा तीन आधार रंगों की इंक की बोतल रखी रहती है जिन्हे कार्ट्रिज कहते हैं। इसके साथ ही इसमें एक प्रिंटर हेड होता है जिसमे 64 छोटे छोटे नोज़ल होते हैं। प्रिंट के समय इसमें इलेक्ट्रिक फील्ड के माध्यम से इंक की बूंदों को नोज़ल जेट की सहायता से कागज पर स्प्रे कराया जाता है जिससे कागज पर छवि प्राप्त होती है।
इंकजेट प्रिंटर में नोज़ल के स्प्रे की क्षमता 250 करैक्टर पैर सेकंड होती है। इंकजेट प्रिंटर 300 से लेकर 600 Dpi तक के रेजोल्यूशन में प्रिंट कर सकता है।


लेज़र प्रिंटर और इंकजेट प्रिंटर में क्या अंतर है

  • लेज़र प्रिंटर में प्रिंट के लिए टोनर का प्रयोग किया जाता है जिसमे कार्बन डस्ट होता है वहीँ इंकजेट प्रिंटर में इंक कार्ट्रिज का प्रयोग किया जाता है।
  • लेज़र प्रिंटर का प्रयोग ज्यादातर टेक्स्ट डॉक्यूमेंट की प्रिंट निकलने के लिए किया जाता है वहीँ इंकजेट प्रिंटर का प्रयोग कलर इमेज और डॉक्यूमेंट दोनों के लिए किया जाता है।
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  • लेज़र प्रिंटर की क्वालिटी और स्पीड (20 पेज प्रति मिनट)काफी अच्छी होती है जबकि इंकजेट प्रिंटर की स्पीड स्लो होती है। यह करीब 6 पेज प्रति मिनट होती है।
  • लेज़र प्रिंटर की छपाई सस्ती पड़ती है जबकि इंकजेट प्रिंटर का मुद्रण थोड़ा महंगा पड़ता है।


  • लेज़र प्रिंटर की रिफिलिंग सस्ती होती है जबकि इंकजेट प्रिंटर की रिफिलिंग थोड़ी मंहंगी होती है।
  • लेज़र प्रिंटर की कीमत इंकजेट प्रिंटर की तुलना में अधिक होती है।
  • लेज़र प्रिंटर साइज में बड़े होते है जबकि इंकजेट प्रिंटर कम जगह घेरता है।


  • ब्लैक एंड वाइट प्रिंट के लिए लेज़र प्रिंटर काफी अच्छा माना जाता है वहीँ कलर प्रिंटिंग के लिए इंकजेट प्रिंटर अच्छा माना जाता है।

उपसंहार:

इस प्रकार हम देखते हैं कि लेज़र प्रिंटर अपने फ़ास्ट और किफायती प्रिंट के लिए उन जगहों पर ज्यादा प्रयोग किया जाता है जहाँ प्रायः ब्लैक एंड वाइट प्रिंटिंग की जरुरत होती है और ज्यादा मात्रा में प्रिंट की आवश्यकता होती है। इंकजेट प्रिंटर का प्रयोग प्रायः फोटो को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। लेज़र प्रिंटर के कार्ट्रिज में चुकि कार्बन डस्ट का प्रयोग किया जाता है अतः इसकी रिफिलिंग काफी सस्ती होती है वहीँ इंकजेट प्रिंटर के इंक की कीमत ज्यादा होती है। दोनों ही प्रिंटर अपने अपने उद्द्येश्यों में काफी सफल हैं और इसलिए लोकप्रिय भी हैं।

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