हंस और बत्तख में क्या अंतर है
हंस : एक रोचक जानकारी
हंस एक सुन्दर जलीय पक्षी है जो अकसर तालाब या किसी भी जलीय क्षेत्र के आसपास पाया जाता है। हंस वैसे तो बत्तख के परिवार का ही पक्षी है किन्तु यह बत्तख से काफी भिन्न होता है। हंस की एक खूबी इसे जंतुओं में अनोखा बनाती है और वो है आजीवन एक ही जोड़े के साथ रहना। हालाँकि कभी कभी इनमे अलगाव देखा जाता है किन्तु ऐसी घटना बहुत ही कम देखी जाती है।
हंस जिसे अंग्रेजी में स्वान कहते हैं जर्मन के श्वान, डच भाषा में ज्वान और स्वीडिश भाषा के स्वन से मिलता जुलता है। इसकी उत्पत्ति इंडो यूरोपियन स्वैन जिसका तात्पर्य गाना या आवाज करना होता है, से मानी जाती है। हंसों में नर हंस को कॉब तथा मादा को पेन कहा जाता है।
हंस एनाटीडी फैमिली का सदस्य होता है जिसका जीनस सिग्नस होता है। इसकी सात स्पीशीज पायी जाती है। जिनमे म्यूट स्वान, व्हिस्लिंग स्वान, ब्लैक स्वान, ब्लैक नेक्ड स्वान प्रमुख हैं।
हंस एनाटीडी परिवार का सबसे बड़ा और वजनी पक्षी है। इसका वजन 15 किलोग्राम तक हो सकता है। इसके पंखों की लम्बाई तीन मीटर तक हो सकती है और चोंच से पूछ तक इसकी लम्बाई करीब डेढ़ मीटर तक होती है। इसकी गर्दन काफी लम्बी होती है। नर पक्षी मादा की तुलना में थोड़ा बड़ा और भारी होता है। हंसों की एक और ख़ास बात उनके मुंह में दांत का होना है जिसके द्वारा वे आसानी से मछलियों को खा सकते हैं। हंस प्रायः सफ़ेद होते हैं किन्तु दक्षिणी गोलार्ध में पाए जाने वाले हंस सफ़ेद और काले रंगों के या मिले जुले रंगों के होते हैं। इनकी टाँगे प्रायः धूसर रंग की होती हैं किन्तु कुछ हंसों की टाँगे पीली, गुलाबी भी होती हैं।
हंस एनाटीडी फैमिली का सदस्य होता है जिसका जीनस सिग्नस होता है। इसकी सात स्पीशीज पायी जाती है। जिनमे म्यूट स्वान, व्हिस्लिंग स्वान, ब्लैक स्वान, ब्लैक नेक्ड स्वान प्रमुख हैं।
हंस एनाटीडी परिवार का सबसे बड़ा और वजनी पक्षी है। इसका वजन 15 किलोग्राम तक हो सकता है। इसके पंखों की लम्बाई तीन मीटर तक हो सकती है और चोंच से पूछ तक इसकी लम्बाई करीब डेढ़ मीटर तक होती है। इसकी गर्दन काफी लम्बी होती है। नर पक्षी मादा की तुलना में थोड़ा बड़ा और भारी होता है। हंसों की एक और ख़ास बात उनके मुंह में दांत का होना है जिसके द्वारा वे आसानी से मछलियों को खा सकते हैं। हंस प्रायः सफ़ेद होते हैं किन्तु दक्षिणी गोलार्ध में पाए जाने वाले हंस सफ़ेद और काले रंगों के या मिले जुले रंगों के होते हैं। इनकी टाँगे प्रायः धूसर रंग की होती हैं किन्तु कुछ हंसों की टाँगे पीली, गुलाबी भी होती हैं।
हंस प्रायः शाकाहारी होते हैं किन्तु कई हंस मछलियों तथा छोटे छोटे जीवों का भी शिकार किया करते हैं। ये प्रजनन के लिए प्रवास करते हैं। हंस आजीवन एक ही जोड़े में रहते हैं। बहुत कदाचित ही इनका जोड़ा टूटता है। नर हंस घोसला बनाने में मादा की मदद करते हैं। इनके घोसले जलीय क्षेत्र के आसपास ही जमीन पर होते हैं। इनके अंडे करीब 340 ग्राम के होते हैं। मादा एक बार में चार से सात अंडे देती है और मादा इन्हें 34 से 45 दिनों तक सेती है।
बत्तख : एक जलीय पक्षी
बत्तख पानी और जमीन पर रहने वाला एक जलीय पक्षी है जो प्रायः अंडे और मांस के लिए पाला जाता है। बत्तख की बनावट हंस की तरह ही होती है किन्तु यह हंस से काफी छोटा होता है। ये ताजे पानी और समुद्री जल दोनों में ही पाए जाते हैं। बत्तख प्रायः सफ़ेद, काला और भूरे रंगों के होते हैं।
बत्तख जिसका अंग्रेजी नाम डक होता है प्राचीन अंग्रेजी Ducan जिसका अर्थ डूस या डुबकी लगाना या गोताखोरी है से निकला प्रतीत होता है। नर बत्तख को ड्रेक और मादा बत्तख डक कहलाती है। बत्तख के बच्चों को डकलिंग कहा जाता है।
बत्तख भी एनाटीडी फॅमिली का सदस्य है जिसमे करीब 120 प्रजातियां आती हैं।
बत्तख का शरीर चौड़ा और नौकाकार होता है। इसकी गर्दन लम्बी और आगे की ओर झुकी होती है। ये हंस से काफी छोटे होते हैं। चोंच से पूंछ तक इनकी लम्बाई करीब 30 सेंटी मीटर होती है। इनके चोंच चपटे और चौड़े होते हैं जिनमे दांतेदार पैक्टैन होता है। इनके पंजे चौड़े और जालीदार होते हैं। इनका पूरा शरीर पानी में रहने के अनुकूल होता है। बत्तख बहुत कम उड़ान भरती हैं। बत्तख सर्वाहारी होते हैं और ये घास या जलीय पौधों के अलावा छोटे कीड़े मकोड़ों को खाते हैं। बत्तख सफ़ेद, काले, भूरे या मिश्रित रंगों के होते हैं।
बत्तख का शरीर चौड़ा और नौकाकार होता है। इसकी गर्दन लम्बी और आगे की ओर झुकी होती है। ये हंस से काफी छोटे होते हैं। चोंच से पूंछ तक इनकी लम्बाई करीब 30 सेंटी मीटर होती है। इनके चोंच चपटे और चौड़े होते हैं जिनमे दांतेदार पैक्टैन होता है। इनके पंजे चौड़े और जालीदार होते हैं। इनका पूरा शरीर पानी में रहने के अनुकूल होता है। बत्तख बहुत कम उड़ान भरती हैं। बत्तख सर्वाहारी होते हैं और ये घास या जलीय पौधों के अलावा छोटे कीड़े मकोड़ों को खाते हैं। बत्तख सफ़ेद, काले, भूरे या मिश्रित रंगों के होते हैं।
बत्तख प्रायः एक बार में एक ही जोड़े के साथ रहते हैं और यह सहवास केवल एक सीजन के लिए होता है फिर ये अपना साथी बदल लेते हैं। ये साल में एक ही बार अंडे देते हैं। अंडे देने के पहले बत्तख अपना घोसला बनाती हैं। इनके अंडे मुर्गी के अंडे से थोड़े बड़े करीब 15 से 20 ग्राम बड़े होते हैं। ये प्रतिदिन एक अंडे करीब आठ से चौदह दिनों तक देती हैं।
हंस और बत्तख में क्या अंतर है
उपसंहार
हंस और बत्तख दोनों ही एक ही फैमिली के जलीय पक्षी होते हुए भी कई बातों में एक दूसरे के भिन्न होते हैं। हंस जहाँ बड़े आकार के होते हैं वहीँ बत्तख छोटे छोटे होते हैं। हंस पानी में तैर तो सकते हैं किन्तु अंदर घुसकर शिकार नहीं कर सकते हैं पर कुछ बत्तख पानी के अंदर घुसकर भी अपना शिकार कर सकते हैं। प्रजनन में साथी का चुनाव भी दोनों जलीय पक्षियों को अलग अलग कर देता है हंस अपने जोड़े को जीवन भर के लिए बनाते हैं जबकि बत्तख केवल एक मैटिंग सीजन के लिए।
दोस्तों हंस और बत्तख में अंतर बताने का या प्रयास कैसा लगा कमेंट में जरूर बताइए। पसंद आवे तो शेयर जरूर कीजिए और हमेशा ऐसी ही रोचक और ज्ञानवर्धक पोस्ट के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर कीजियेगा। धन्यवाद।
- हंस काफी बड़े आकार के होते हैं जबकि बत्तख हंसों के मुकाबले छोटे होते हैं।
- हंस आजीवन एक ही साथी के साथ सहवास करते हैं वहीँ बत्तख केवल एक सीजन के लिए एक ही साथी के साथ रहते हैं।
- हंस अंडे देने के पहले मादा के साथ घोसला बनाने में मदद करते हैं जबकि नर बत्तख घोसला बनाने में मादा बत्तख की कोई मदद नहीं करते हैं।
- हंस एनाटीडी फैमिली का सदस्य होता है जिसका जीनस सिग्नस होता है। इसकी सात स्पीशीज पायी जाती है। जिनमे म्यूट स्वान, व्हिस्लिंग स्वान, ब्लैक स्वान, ब्लैक नेक्ड स्वान प्रमुख हैं। वहीँ बत्तख भी एनाटीडी फॅमिली का सदस्य है जिसमे करीब 120 प्रजातियां आती हैं।
उपसंहार
हंस और बत्तख दोनों ही एक ही फैमिली के जलीय पक्षी होते हुए भी कई बातों में एक दूसरे के भिन्न होते हैं। हंस जहाँ बड़े आकार के होते हैं वहीँ बत्तख छोटे छोटे होते हैं। हंस पानी में तैर तो सकते हैं किन्तु अंदर घुसकर शिकार नहीं कर सकते हैं पर कुछ बत्तख पानी के अंदर घुसकर भी अपना शिकार कर सकते हैं। प्रजनन में साथी का चुनाव भी दोनों जलीय पक्षियों को अलग अलग कर देता है हंस अपने जोड़े को जीवन भर के लिए बनाते हैं जबकि बत्तख केवल एक मैटिंग सीजन के लिए।
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2 टिप्पणियाँ
जब हंस छोटे जिव और मछलीयो का सिकार कर के खा लेता हे तो शाकाहारी केसे हुवा। वोतो शर्वाहारी कहलायेगा ना
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