प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कंपनियां अपने ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए अपने उत्पादों को बाजार में उतरने के पहले उसे खूब ठोकबजा कर देख लेती हैं। इसके लिए हर प्रोडक्ट को कई परीक्षणों से गुजरना पड़ता है और जब वे एकदम खरे उतरते हैं तब ही उन्हें बाजार में उतरा जाता है। इन सब के बावजूद निर्माता ग्राहकों का विश्वास जीतने के लिए अपने उत्पादों पर गारंटी या वारंटी देते हैं। इन गारंटी और वारंटी की वजह से ग्राहक प्रोडक्ट के प्रति आस्वस्त होते हैं और निश्चिन्त होकर उस सामान की खरीदारी करते हैं। लेकिन कई बार गारंटी और वारंटी का मतलब नहीं समझने की वजह से…
मार्केटिंग और सेल्स में क्या अंतर है आज के बाज़ारवाद के इस युग में चीज़ों के खरीदने और बेचने की प्रक्रिया में काफी बदलाव ला दिए हैं। अब वस्तुओं को महज बेचना ही पर्याप्त नहीं रह गया है। मार्किट में लम्बे समय तक अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कंपनियां तरह तरह की रणनीतियां बनाती रहती हैं। इन्ही रणनीतियों में मार्केटिंग और सेल्स जैसे टर्म्स काफी प्रयोग होते हैं। मार्केटिंग और सेल्स चूँकि दोनों का उद्द्येश्य प्रोडक्ट का विक्रय होता है अतः कई बार लोग कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं और दोनों को एक ही सन्दर्भ में प्रयोग करने लगते हैं। यद्यपि मार्केटिंग…
दूध को सम्पूर्ण आहार माना जाता है। यह शरीर को ऊर्जा, पोषण और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है। यही कारण है दूध प्राचीन काल से ही हमारे भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। मनुष्यों के लिए दूध का मुख्य स्रोत गाय तथा भैंस रहे हैं। दोनों का दूध ऊर्जा से भरपूर, स्वास्थ्यवर्धक और हमारे शरीर के विकास और पोषण के गुणों से युक्त होता है। दोनों यानि गाय और भैंस का दूध हमारी यौनशक्ति वर्धक और बलवर्धक होता है। ऐसे में कई बार यह कन्फ्यूजन होता है कि हमारे लिए गाय का दूध अच्छा है या भैंस का। तो आइये देखते हैं गाय और भैंस के दूध में क्या अंतर है ? गाय …
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