इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया में क्या अंतर है
भारतीय चिकित्सा क्षेत्र की जब भी चर्चा होती है तब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया का नाम जरूर आता है। चिकित्सा से जुड़े लोगों के लिए तो इन्हें समझना कोई बड़ी बात नहीं किन्तु गैर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए इनमे अंतर करना मुश्किल होता है और कई बार दोनों को एक ही मान लेते हैं और एक की जगह दूसरे का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर बैठते हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े होने के बावजूद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया दोनों एकदम अलग अलग संस्थाएं हैं और दोनों में काफी अंतर है। दोनों की स्थापना, संगठन, कार्य और उद्द्येश्य एकदम अलग अलग है।
आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन क्या है, IMA का फुलफॉर्म क्या होता, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना कब हुई थी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कार्य तथा उद्द्येश्य इसी प्रकार मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया क्या है, मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना कब हुई थी, मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के उद्द्येश्य क्या हैं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया में क्या अंतर है आदि।
Table of Contents
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानि IMA क्या है
- What is Indian Medical Association or IMA ?
- IMA का फुलफॉर्म क्या होता है
- IMA की स्थापना कब हुई थी
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कार्य तथा उद्द्येश्य
- मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया क्या है
- What is Medical Council of India
- मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना कब हुई थी
- मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के उद्द्येश्य क्या हैं
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानि IMA क्या है
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानि IMA क्या है
What is Indian Medical Association or IMA ?
Indian Medical Association जिसे संक्षेप में IMA भी कहा जाता है, भारत में आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति के डॉक्टरों का एक राष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन है, जो डॉक्टरों के हित या बड़े पैमाने पर समाज के कल्याण और उनकी देखभाल करता है। IMA भारत ही नहीं बल्कि विश्व की चिकित्सा क्षेत्र के अग्रणी संस्थानों में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
IMA का फुलफॉर्म क्या होता है
IMA का फुलफॉर्म होता है Indian Medical Association यह एक राष्ट्रिय स्तर का एसोसिएशन है जिसका विस्तार भारत के सभी राज्यों में है। यह चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों का पुरे भारतवर्ष में सबसे बड़ा संघठन है।
IMA की स्थापना कब हुई थी
IMA सोसाइटीज एक्ट ऑफ इंडिया XXI 1880 के तहत पंजीकृत एक सोसायटी है। IMA की स्थापना 1928 में आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के रूप में की गयी थी। इसके पूर्व भारत के चिकित्सक ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े होते थे। इसी संस्था के लोगों ने आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना की। इसकी स्थापना के साथ ही ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के साथ एक करार हुआ जिसमे कहा गया कि ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन की भारत में कोई ब्रांच नहीं होगी। 1930 में आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन का नाम बदल कर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रखा गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का दायरा बहुत व्यापक रहा है और इस संस्था ने विश्व स्तर पर वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन बनाने में बड़ी मदद की है। यह वैश्विक संस्था का फॉउन्डिंग मेंबर है। नई दिल्ली में 1966 में चिकित्सा शिक्षा पर तीसरे विश्व सम्मलेन की सफल मेजबानी इसी संस्था के द्वारा की गयी थी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भारत में चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है। IMA के 3,054,580 से भी अधिक डॉक्टर मेंबर हैं और इसकी 1700 से भी अधिक क्षेत्रीय शाखाएं भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं। IMA का हेडक्वार्टर नई दिल्ली में है। वर्तमान में इसके प्रेजिडेंट डॉ जे ए जयलाल हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कार्य तथा उद्द्येश्य
- अपनी सभी विभिन्न शाखाओं में चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान को बढ़ावा देना और आगे बढ़ाना और भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में सुधार को बढ़ावा देना।
- चिकित्सा पेशे के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने और उसके सदस्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत होना।
- देश में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा सेवाओं और पंजीकरण में विभाजन के उन्मूलन के लिए काम करना और इस प्रकार पेशे के सभी सदस्यों के बीच समानता प्राप्त करना।
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया क्या है
What is Medical Council of India
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना कब हुई थी
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के उद्द्येश्य क्या हैं
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया क्या है
What is Medical Council of India
भारतीय चिकित्सा परिषद् जिसे मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के नाम से जाना जाता है, एक निकाय है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बनाये रखने के लिए मेडिकल कालेजों और पाठ्यक्रमों को नियंत्रित करता है। मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया भारत में चिकित्सा शिक्षा के एक सामान और उच्च मानकों की स्थापना के प्रति समर्पित थी। इसका कार्य चिकित्सा योग्याताओं को मान्यता प्रदान करना, चिकत्सा विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करना, चिकत्सकों को पंजीकरण अनुदान देना और भारत में चिकित्सा पद्धति की निगरानी करना है। 25 सितम्बर 2020 को इस परिषद् को राष्ट्रिय चिकित्सा आयोग से प्रतिस्थापित कर दिया गया। अतः वर्तमान में मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया का कोई अस्तित्व नहीं है।
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना कब हुई थी
भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (Medical Council of India) की स्थापना, भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम, 1933 के अंतर्गत 1934 में की गई थी। स्वतंत्रता के पश्चात् फिर मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया का पुनर्गठन इंडियन मेडिकल कॉन्सिल एक्ट 1956 के अंतर्गत किया गया और इसके साथ ही पुराना अधिनियम निरस्त हो गया। इसी अधिनियम में आगे 1964, 1993 और 2001 में संशोधन किये गए।
मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया के उद्द्येश्य क्या हैं
इस परिषद् के उद्देश्य निम्नानुसार हैं :-
- चिकित्सक शिक्षा में स्नातक पूर्व और स्नातकोत्तर दोनों स्तर पर एक समान मानकों को बनाए रखना,
- भारत के या विदेशों के मेडिकल संस्थानों की चिकित्सकीय योग्यता की मान्यता / अमान्यता के लिए सिफारिश करना,
- मान्यताप्राप्त चिकित्सा योग्यता रखने वाले डॉक्टरों का स्थायी पंजीकरण/ अस्थायी पंजीकरण करना,
- चिकित्सकीय योग्यता की पारस्परिक मान्यता के मामले में दूसरे देशों के साथ पारस्परिक आदान-प्रदान बनाना।
- मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देना।
- सभी पंजीकृत डॉक्टरों की एक निर्देशिका रखना (जिसे भारतीय चिकित्सा रजिस्टर कहा जाता है)।
- चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस से संबंधित विनियमन में आवश्यक संशोधन करना।
भारत की नीति आयोग की सिफारिश पर मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया का स्थान नेशनल मेडिकल कमीशन ने ले लिया। इसके लिए NMC बिल को संसद में पेश किया गया जिसे राष्ट्रपति ने 8 अगस्त 2019 को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 से केंद्र सरकार को मेडिकल काउंसिल को बदलने और पांच विशेष डॉक्टरों की मदद से भारत में चिकित्सा शिक्षा प्रणाली की निगरानी करने की अनुमति दी थी। इस प्रकार नेशनल मेडिकल कमीशन 25 सितम्बर 2020 को अस्तित्व में आया और इसके साथ ही मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया स्वतः भंग हो गया।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एक स्वैच्छिक संगठन है जबकि मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया भारत सरकार की एक वैधानिक निकाय हैँ।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन IMA सोसाइटीज एक्ट ऑफ इंडिया XXI 1880 के तहत पंजीकृत एक सोसायटी है जबकि मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् अधिनियम 1933 के अंतर्गत की गयी थी।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना 1928 में की गयी थी जबकि मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया की स्थापना 1934 में की गयी थी।
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन चिकित्सकों तथा चिकित्सा छात्रों का संगठन है जबकि मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया एक निकाय है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बनाये रखने के लिए मेडिकल कालेजों और पाठ्यक्रमों को नियंत्रित करता है।
- इंडियन मेडिकल असोसिअशन का मुख्य कार्य अपनी सभी विभिन्न शाखाओं में चिकित्सा और संबद्ध विज्ञान को बढ़ावा देना और आगे बढ़ाना और भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में सुधार को बढ़ावा देना है जबकि मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया का मुख्य कार्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बनाये रखने के लिए मेडिकल कालेजों और पाठ्यक्रमों को नियंत्रित करता है। मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया भारत में चिकित्सा शिक्षा के एक सामान और उच्च मानकों की स्थापना के प्रति समर्पित तथा चिकित्सा योग्याताओं को मान्यता प्रदान करना, चिकत्सा विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करना, चिकत्सकों को पंजीकरण अनुदान देना और भारत में चिकित्सा पद्धति की निगरानी करना है।
उपसंहार
इसप्रकार हम देखते हैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया दोनों अपनी स्थापना, स्वरूप, उद्द्येश्य आदि की दृष्टि से एकदम अलग अलग संस्थाएं हैं। दोनों ही चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े होने के बावजूद अपने कार्यों और उद्द्येश्यों में भिन्न हैं।.
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