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मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है

मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है


भारत की खान पान शैली पुरे विश्व में अपना एक अलग स्थान रखती है। यहाँ भोजन में पौष्टिकता के साथ साथ स्वाद का भी गज़ब का तालमेल पाया जाता है। एक तरफ यहाँ एक से बढ़कर एक मीठे व्यंजनों की फेहरिश्त है वहीँ तीखे और मसालेदार व्यंजनों की भी एक लम्बी लिस्ट है। भारत में मसालों का प्रयोग प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। सचाई यह है कि भारतीय रसोई की कल्पना बिना मसालों के हो ही नहीं सकती। भारतीय रसोई में कई तरह के मसाले पाए जाते हैं मसलन जीरा, धनिया,हल्दी, हींग, दालचीनी, लौंग, छोटी तथा बड़ी इलायची, जायफर, जावित्री, सहजीरा, मेथी,कसूरी मेथी आदि। इन मसालों में सबके अपने अपने विशिष्ट गंध, स्वाद और औषधीय गुण हैं जो भोजन को लज़ीज़ और चटपटा बनाते हैं। इन मसालों में मेथी अपने विशिष्ट तीखापन के स्वाद की वजह से अपना एक अलग ही स्थान रखता है। मेथी की तरह ही एक और मसाला कसूरी मेथी लोगों को बहुत ही भाता है किन्तु एक जैसे नाम होने की वजह से लोगों को भ्रमित भी करता है। लोगों के मन में अकसर सवाल उठते हैं मेथी क्या होता है, कसूरी मेथी क्या है मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है या फिर मेथी कसूरी मेथी से कैसे भिन्न है आदि।

मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है


आज हम इन्हीं सवालों का उत्तर जानने का प्रयास करेंगे कि मेथी क्या है, कसूरी मेथी क्या है, मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है।

मेथी क्या है 
मेथी का वानस्पतिक नाम क्या होता है
मेथी को किन किन नामों से जाना जाता है 
मेथी में पोषक तत्व 
मेथी के कुछ औषधीय उपयोग

मेथी क्या है 

मेथी एक महत्वपूर्ण मसाला है जो अपने विशिष्ट कड़वे स्वाद और अपने औषधीय गुण की वजह से काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मसाले के रूप में इस पौधे का बीज प्रयोग किया जाता है वैसे इस पौधे की हरी पत्तियां साग के रूप में तथा पराठों में उपयोग में लायी जाती हैं। मेथी के बीजों को पीसकर इसके लड्डू भी बनते हैं जो अपने औषधीय गुणों की वजह से बहुत ही उपयोगी माने जाते हैं।

मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है

मेथी का वानस्पतिक नाम क्या होता है 

मेथी का पौधा काफी छोटा होता है और यह प्रायः एक फुट से छोटा होता है। इसका वानस्पतिक नाम Trigonella foenum graecum होता है। इसकी हरी पत्तियां प्रायः साग या सब्ज़ी के रूप में या मेथी पराठे के रूप में खूब खायी जाती हैं। मसाले के रूप में इसके बीजों का प्रयोग किया जाता है। मेथी के दाने काफी छोटे और पीले या सुनहरे भूरे रंग के होते हैं।

मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है



मेथी को किन किन नामों से जाना जाता है 

मेथी को भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जहां हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली और पंजाबी में इसे मेथी कहते हैं, वहीं संस्कृत में इसका नाम मेथिका या बहुपर्णी है। कन्नड़ में इसे मेन्तिया, तेलुगु में मेंतुलु, तमिल में वेंडयम, मलयालम में वेन्तियम, अंग्रेजी में फेनुग्रीक और लेटिन में त्रायिगोनेल्ला फोएनम ग्रीकम के नाम से जाना जाता है।

मेथी में पोषक तत्व 

मेथी में पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। मेथी में फोलिक एसिड, मैग्नेशियम, सोडियम, कॉपर, लोहा तथा के प्रोटीन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। मेथी के पत्तों और बीज का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसका प्रयोग साबुन तथा शैम्पू बनाने में भी किया जाता है। प्राचीन यूनान में शवों को दफ़नाने के पहले उनपर मेथी को पीसकर उसका लेप लगाया जाता था।

भूमध्य क्षेत्र, दक्षिण यूरोप और पश्चिम एशिया में इसकी खेती बहुतायत में होती है।

मेथी के कुछ औषधीय उपयोग

  • मेथी का लेप शरीर में होने वाले जलन को कम करता है।

  • मेथी के पत्तों का साग पेट की गैस को ठीक करता है।

  • मेथी के दाने को गर्म पानी के साथ सेवन करने पर पेट दर्द तथा कमर दर्द में आराम मिलता है।

  • मेथी के दानों का चूर्ण एक चमच सुबह शाम नियमित रूप से सेवन करने पर जोड़ों का दर्द ,लकवा और कमर दर्द दूर हो जाता है ।
मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है


  • मेथी दाना चार चमच को कूटकर एक ग्लास पानी में चार पांच घंटे तक भिगोकर इसे छानकर योनि को धोने पर श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) रोग में आराम मिलता है,या फिर मेथी को पकाकर इसके लड्डू खाने से भी श्वेत प्रदर से छुटकारा मिल जाता है,इससे शरीर भी तंदरुस्त रहता है तथा गर्भाशय की गंदगी भी बाहर निकल जाती है।

  • मेथी चूर्ण को नारियल तेल के साथ पकाकर रोजाना सर पर मालिश करने से बालों की रूसी नष्ट हो जाती है।

  • मेथी में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है अतः यह एनीमिया या खून कि कमी में उपयोगी होता है।

  • मेथी दानों का सेवन या मेथी पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्त्रियों के स्तन में उभार आता है,क्योंकि मेथी में डाई ओस जेनिन नामक हार्मोन पाया जाता है जो स्तनों को विकसित करता है।

  • मेथी चूर्ण पचास ग्राम,तथा पचास ग्राम मेथी के पत्ते को तिल या नारियल के सौ एमएल तेल में डालकर चार दिनों तक रखकर इसे छानकर इस तेल को बालों पर लगाने से बाल काले और चमकदार हो जाते हैं। मेथी दाना को पीसकर सिर में गंजेपन के स्थान पर रोजाना लेप करने से बाल फिर से उग आते है।

  • मेथी दाना पांच ग्राम एक कप पानी में डालकर सुबह उसी पानी में मेथी को पीसकर सेवन करने से खून में शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है,या फिर मेथी का चूर्ण दो चमच की मात्रा सुबह शाम सेवन करने से भी शरीर में चीनी और कोलेस्टेरॉल की मात्रा कम हो जाती है।
मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है



कसूरी मेथी क्या है 
कसूरी मेथी कैसे बनाया जाता है 
कसूरी मेथी को "कसूरी" क्यों कहा जाता है 
कसूरी मेथी के कुछ औषधीय उपयोग 
मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है


कसूरी मेथी क्या है 

भारतीय मसालों में कसूरी मेथी अपने अनोखे और विशिष्ट स्वाद के लिए एक अलग ही स्थान रखता है। इसकी तेज खुशबु और फ्लेवर खाने एक अलग निखार लाती है। भारतीय कढ़ी, सब्ज़ी और पराठों इसका खूब प्रयोग किया जाता है।

मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है



कसूरी मेथी कैसे बनाया जाता है 
कसूरी मेथी को "कसूरी" क्यों कहा जाता है 

कसूरी मेथी वास्तव में मेथी के पत्तों को ही सुखाकर बनाया जाता है किन्तु इसका स्वाद और खुशबु इसे मेथी से अलग श्रेणी में ला रखते हैं। कसूरी मेथी का उत्पादन पंजाब के कसूर क्षेत्र में बहुत ज्यादा होता है और इसी कारण इसे कसूरी मेथी कहा जाता है।

मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है



कसूरी मेथी के कुछ औषधीय उपयोग 

  • कसूरी मेथी ब्लड शुगर को आश्चर्यजनक रूप से कम करता है। यह मधुमेह में प्रयोग की जाने वाली दवा glibenclamide की तरह काम करती है और ब्लड होमोस्टेसिस को संतुलित करती है।
  • यह लिवर को पुष्ट करती है और अपच की समस्या दूर करती है।
  • कसूरी मेथी दस्त के उपचार में भी कारगर है।
  • कसूरी मेथी का पाउडर माऊथ फ्रेशनर के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है।
  • कब्ज़ में इसके प्रयोग से काफी राहत मिलती है। इसके लिए इसे एक कप पानी में उबाल कर दिन में दो बार सेवन करें।
  • इसके अर्क में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स में हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो एडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम करके एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  • कसूरी मेथी का उपयोग बालों की कई समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन, लेक्टिन और निकोटिन जैसे पोषक तत्व बालों के विकास के साथ ही बालों को मजबूत करने में भी कारगर साबित हो सकते हैं। इसके अलावा, यह बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान करने और बालों को घना करने में भी फायदेमंद है।
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मेथी और कसूरी मेथी में क्या अंतर है

वैसे तो मेथी और कसूरी मेथी दोनों ही एक ही पौधे के उत्पाद हैं और दोनों के गुणों में भी कुछ ख़ास फर्क नहीं होता है फिर भी कई ऐसी बाते हैं जो दोनों को एक दूसरे से अलग करती हैं।

  • मेथी पौधे की हरी पत्तियां या फिर उनका बीज होता है जबकि कसूरी मेथी मेथी की पत्तियों को सुखाकर बनाया जाता है।

  • मेथी की पत्तियां साग के रूप में तथा मेथी के बीज मसाले के रूप में प्रयोग किये जाते हैं वहीँ कसूरी मेथी सब्जियों में एक मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है।

  • मेथी का स्वाद कड़वा और तीखा होता है जबकि कसूरी मेथी खुशबूदार और तीखा होता है।

  • मेथी का प्रयोग सब्ज़ी बनाते समय शुरू में ही तेल में छौंक लगाने के लिए होता है वहीँ कसूरी मेथी का प्रयोग सब्ज़ी आदि उतारते समय प्रायः किया जाता है जिससे सब्ज़ी में सुगंध आ जाए।

  • मेथी वजन कम करने में, महिलाओं में दूध बढ़ाने में, पाचन सही करने में, मधुमेह में काफी लाभदायक है वहीँ कसूरी मेथी शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल सही करने में, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में, त्वचा और बालों को निखारने में बेहद गुणकारी है।


Conclusion

मेथी हो या कसूरी मेथी, दोनों ही हमारे खान-पान में स्वाद के साथ साथ हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मेथी जहाँ हरे पत्तों और बीजों के रूप में प्रयोग किया जाता है वहीँ कसूरी मेथी सूखे हुए मेथी के पत्ते होते हैं।

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