खोया और छेना में क्या अंतर होता है भारत को मिठाईयों का देश कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मिठाईयों में यहाँ के लोगों की जान बसती है। कोई भी ख़ुशी का मौका हो बिना मिठाई का वह अधूरा माना जाता है। यहाँ तक दुःख के अवसरों पर जैसे मृतक श्राद्ध आदि में मिठाइयों का चलन है। भारत में मिठाइयों का मूलाधार मुख्यतः दूध और दूध से प्राप्त उत्पाद होते हैं। इन दुग्ध उत्पादों में खोया और छेना की प्रमुखता होती है। वैसे तो खोया और छेना दोनों दूध से तैयार होते हैं किन्तु प्राप्ति के तरीके से लेकर उपयोग आदि में दोनों में काफी अंतर होता है …
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