डायबिटीज यानि की मधुमेह जिसे आम बोलचाल की भाषा में शुगर होना भी कहते हैं एक लाइलाज बीमारी है। कई बार तो वर्षों तक मरीज को इसका पता भी नहीं चल पाता। और जब पता चलता है तब तक खासा नुकसान हो चूका होता है। इसी वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल भारत में इसके करीब पांच करोड़ मरीज हैं। यह मनुष्य के कई अंगों को जैसे आँख, ह्रदय, गुर्दा आदि को नुकसान पहुंचाता है। डायबिटीज अभी तक के अध्ययनों और शोधों से पता चलता है कि इसे पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया जा सकता किन्तु राहत की बात है कि इसे नि…
मलेरिआ और टाइफाइड में क्या अंतर है दोस्तों हमारे देश के साथ साथ कई उष्णकटिबंधीय देशों में जहाँ बारिश अच्छी खासी होती है वहां बरसात और उसके बाद के सीजन में कई बीमारियों को प्रकोप रहता है। इन्ही बीमारियों में मलेरिया और टाइफाइड भी प्रमुख हैं। वैसे तो दोनों बीमारियों में मरीज को तेज बुखार और कमजोरी महसूस होती है मरीज थका थका सा दीखता है फिर भी दोनों बीमारियां एकदम से अलग हैं। कई बार लोग इन्हें सामान्य बुखार समझ कर लापरवाही कर बैठते हैं और स्थिति गंभीर हो जाती है। कई बार कुछ लक्षणों के आधार पर लोग टाइफाइड की जगह मलेरिया का इलाज कराने ल…
डेमू (DEMU) और मेमू (MEMU) ट्रेनें क्या हैं और इनमे क्या अंतर है दोस्तों आजकल कई स्टेशनों पर एक नए तरह की ट्रैन दीख रही हैं। आम बोलचाल में इसे लोग डेमू कहते हैं। कई जगह इसी तरह की ट्रेनों को मेमू भी कहते सुना जाता है। आइए आज हम जानते हैं डेमू (DEMU) और मेमू (MEMU) ट्रेनें क्या हैं और इनमे क्या अंतर है। डेमू और मेमू दोनों ट्रेनें भारत में कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनें हैं जो धीरे धीरे सामान्य पैसेंजर ट्रेनों की जगह ले रहीं हैं। ये ट्रेनें आधुनिक हैं और इनके सञ्चालन में अपेक्षाकृत कम खर्च आता है। ये पारम्परिक ट्रेनों की अपेक्षा हलकी…
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