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ग्रहों और तारों में क्या अंतर है




रात में आसमान में देखने से मालुम पड़ता है कि पूरा का पूरा आसमान तारों से भरा पड़ा है पर वास्तव में यह सच नहीं है। इनमे से कुछ ग्रह भी होते हैं। एक नज़र से देखने पर तो ये भी तारे ही लगते हैं किन्तु गौर से देखा जाये तो ग्रह कुछ बड़े दीखते हैं और ये टिमटिमाते भी नहीं हैं। वास्तव में हमारे ब्रह्माण्ड में असंख्य खगोलीय पिंड हैं। इन्ही खगोलीय पिण्डों तारे, ग्रह तथा उपग्रह भी हो सकते हैं। हमारा सूर्य भी एक तारा है। यह हमारे सबसे नज़दीक का तारा है। आज के इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे ग्रहों और तारों में क्या अंतर है


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ग्रह किसे कहते हैं 

ऐसे खगोलीय पिंड जो किसी तारे की परिक्रमा करते हैं ग्रह कहलाते हैं। ग्रहों का आकार काफी बड़ा भी हो सकता है और छोटा भी। ग्रह तारों की परिक्रमा करते हुए अपनी धूरी पर भी घूर्णन करते हैं। ये प्रायः अंडाकार पथ पर तारे की परिक्रमा करते हैं। ग्रहों का आकार प्रायः गोल होता है। ग्रह ठोस मिटटी और चट्टानों के बने हुए होते हैं। ग्रहों का अपना गुरुत्वाकर्षण बल होता है जिससे वे सभी चीज़ों को अपनी ओर खींचते हैं।



हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है। यह हमारे सबसे नजदीक तारे यानि सूर्य की परिक्रमा करती है। हमारी पृथ्वी सहित कुल आठ ग्रह हमारे सौर मंडल में स्थित हैं। इनमे से सबसे बड़ा वृहस्पति और सबसे छोटा बुध ग्रह है। वहीँ सूर्य से नज़दीकी और दुरी की बात करें तो सबसे निकट का ग्रह बुध है तो सबसे दूर नेप्चून है। कई ग्रहों का अपना उपग्रह भी होता है जो इन ग्रहों की परिक्रमा करता है। जैसे हमारी पृथ्वी का उपग्रह चन्द्रमा है। हमारे सौर मंडल में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन है। 


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ग्रहों का अपना कोई प्रकाश नहीं होता है ये प्रकाश और ऊर्जा के लिए अपने तारे पर निर्भर रहते हैं। ग्रहों के निर्माण के बारे में अनेक सिद्धांत माने जाते हैं। एक अनुमान यह भी है कि ग्रह किसी खगोलीय दुर्घटना के फलस्वरूप तारों से टूट कर अलग हुए हिस्से हैं जो कालांतर में ठोस और ठन्डे होते गए।

ग्रह को अंग्रेजी में प्लेनेट कहा जाता है जो ग्रीक भाषा से उत्त्पन्न हुआ है और जिसका शाब्दिक अर्थ होता है घूमने वाला या ऐसी चीज़ जो घूमती हो। हमारे ब्रह्माण्ड में हमारे सौरमंडल को लेकर 3600 से ज्यादा ग्रहों की खोज की जा चुकी है।


तारे क्या हैं 

तारे हमारे आकाशगंगा में स्थित विशालकाय खगोलीय पिंड हैं जो आकाशगंगा के मध्य भाग की परिक्रमा करते हैं। तारों का तापमान बहुत अधिक होता है और ये गैसीय या प्लाज्मा की अवस्था में होते हैं। तारों का निर्माण प्रायः हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से होती है। इनमे हमेशा नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया होती रहती है जिससे अत्यधिक दबाव में दो हाइड्रोजन परमाणु मिलकर एक हीलियम परमाणु बनाते हैं। इस प्रक्रिया में अत्यधिक ऊर्जा और ताप का उत्सर्जन होता है। यह प्रक्रिया सतत चलती रहती है। यह विस्फोट इतना तीव्र होता है जैसे कई हाइड्रोजन बम्ब एक साथ फटे हों। इसी विखंडन और संलयन प्रक्रिया की वजह से तारों में अपना प्रकाश होता है और इसी वजह से उनके इर्द गिर्द परिक्रमा करने वाले ग्रह भी प्रकाशित होते हैं। तारों का तापमान एक करोड़ डिग्री सेल्सियस से दो करोड़ डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है। 





हमारे सबसे नजदीक का तारा सूर्य है जो हमसे करीब 15 करोड़ किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। यह पृथ्वी से करीब तरह लाख गुना बड़ा है। तारों का जन्म धुल के बादल के रूप में होती है। इस समय इन्हें नेबुला कहते हैं। तारों की उम्र अरबों साल होती है। तारे अपनी आखरी अवस्था में लाल दानव के रूप में बदल जाते हैं फिर सुपरनोवा की स्थिति आती है। इस समय तारे का अंत हो जाता है।


ग्रहों और तारों में क्या अंतर है

  • ग्रह उन आकाशीय पिंडों को कहा जाता है जो किसी तारे की परिक्रमा करते हैं जबकि तारे आकाशगंगा के केंद्रीय भाग के गिर्द परिक्रमा करता है।


  • ग्रहों के पास अपना प्रकाश नहीं होता है वे प्रकाश के लिए अपने निकटम तारों पर निर्भर रहते हैं वहीँ तारे नाभिकीय संलयन प्रक्रिया से उत्पन्न अथाह ऊर्जा के द्वारा उत्पन्न प्रकाश से प्रकाशित होते हैं।
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  • ग्रह का आकार तारों की तुलना में काफी कम होता है वहीँ तारे ग्रहों के मुकाबले काफी बड़े होते हैं।

  • ग्रह धूल, मिटटी, चट्टानों से बने ठोस पिंड होते हैं जबकि तारे मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम गैस से बने होते हैं और ये प्रायः गैसीय अवस्था में या प्लाज्मा के रूप में होते हैं।

  • ग्रहों का तापमान उनके तारों से दुरी पर निर्भर करता है यानि तारों के निकट वाले ग्रह का तापमान अधिक और दूरस्थ ग्रहों का तापमान बहुत ही कम होता है। तारों का तापमान काफी अधिक होता है यह एक करोड़ से दो करोड़ डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है।
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  • आकाश में ग्रहों को देखने से उनका प्रकाश स्थिर मालूम होता है वहीँ तारे टिमटिमाते हुए नज़र आते हैं।

  • ग्रहों पर जीवन होता है या उसकी सम्भावना की उम्मीद की जा सकती है किन्तु तारों पर ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होती जिससे की जीवन की सम्भावना हो सके।


इस प्रकार आपने देखा ग्रह तारों की तुलना में काफी छोटे होते हैं किन्तु यहीं जीवन की सम्भावना पायी जाने की उम्मीद होती है। किन्तु इन ग्रहों की ऊर्जा और प्रकाश का स्रोत तारे ही होते हैं।

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