भारत में अंग्रेजों के आने के साथ ही शासन में कई बदलाव आने शुरू हो गए। अंग्रेजों को अपनी कंपनी को सँभालने के साथ साथ भारत में शांति बनाये रखने के लिए, सुचारु रूप से शासन चलाने के लिए तथा टैक्स कलेक्ट करने के लिए अधिकारीयों की आवश्यकता पड़ी। इसके लिए उन्होंने विभिन्न अधिकारिओं की नियुक्ति आरम्भ की। इसके लिए उन्होंने 1893 ICS यानि इम्पीरियल सिविल सर्विसेज के नाम प्रशासनिक सेवा आरम्भ की। इसमें चुने हुए अधिकारी ICS कहलाते थे। ये अधिकारी अंग्रेजी शासन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया करते थे। आज़ादी के बाद भी इस सर्विस को ज्यों के त्यों रखा गया क…
इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप समाज के ताने बाने पर काफी प्रभाव पड़ा। एक तरफ तेजी से शहरीकरण हुआ वहीँ दूसरी ओर गांव से भारी संख्या में लोगों का शहरों की तरफ पलायन हुआ। कल कारखानों की वजह से समाज दो वर्गों में विभक्त हो गया एक पूंजीपति वर्ग जिनके पास अथाह पैसा था तो दूसरा मजदुर वर्ग जो दस बारह घंटे काम करने के बावजूद किसी तरह से अपनी जीविका चला पाते थे। समाज के इस अंतर ने जनता के अंदर काफी असंतोष भर दिया और इसका नतीजा हुआ साम्यवाद का जन्म। लोगों ने ऐसे व्यवस्था का अविष्कार किया जिसमे सभी लोग बराबर हों और कोई किसी का शोषण शोषण न …
खसरा और खतौनी में क्या अंतर है भारत में जमीन की खरीद बिक्री के समय एक शब्द का सबसे ज्यादा जिक्र होता है और वह है खसरा और खतौनी। खसरा और खतौनी द्वारा ही राजस्व विभाग सभी जमीनों की पूरी जानकारी रखते हैं और खरीद बिक्री के समय इसके वास्तविक मालिक का पता लगाते हैं। खसरा और खतौनी जमीन के स्वामित्व के साथ साथ कई अन्य जानकारियों का विवरण देते हैं। आज के इस पोस्ट में हम इन्ही खसरा और खतौनी के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे और दोनों के बीच अंतर क्या है देखेंगे खसरा किसे कहते हैं खसरा भारत में कृषि से सम्बंधित जमीन का एक क़ानूनी रिकॉर…
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