परमाणु और अणु के बीच क्या अंतर है हम जानते हैं कि तत्वों का निर्माण अति सूक्ष्म कणों से हुआ है। इन कणों को परमाणु कहा जाता है। एक तरह से परमाणु किसी तत्व की इकाई होता है। ये परमाणु कुछ अपवादों को जैसे अक्रिय गैसों को छोड़ कर अति क्रियाशील होते हैं और वे स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकते। ये अपनी बाहरी कक्षा में स्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या को संतृप्त करने के लिए दूसरे परमाणुओं से क्रिया करते हैं। ऐसी स्थिति में अणु का निर्माण होता है। वैसे तो अणु भी काफी सूक्ष्म होते हैं किन्तु ये परमाणुओं की तुलना में कुछ बड़े होते हैं। अणु को भ…
भार और द्रव्यमान में क्या अंतर है आमतौर पर किसी वस्तु के भार और द्रव्यमान को एक ही मान लिया जाता है। किन्तु यह सही नहीं है। विज्ञान की दृष्टि में भार और द्रव्यमान दोनों दो बाते होती हैं और एक की जगह दूसरे को हम प्रयोग नहीं कर सकते हैं। किसी वस्तु का परिमाण वस्तु पर लगे बाहरी बल से प्रभावित नहीं होता है और यह अपरिवर्तनीय होता है जबकि भार उसपर लगे बल का समानुपाती होता है। भार क्या होता है भार की परिभाषा क्या होती है किसी वस्तु का भार उस वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिणाम होता है। चूँकि किसी वस्तु के भ…
NEFT और RTGS में क्या अंतर है Difference Between NEFT And RTGS आज के इस डिजिटल युग में पैसों का लेनदेन भी काफी हद तक डिजिटल हो चूका है। छोटे अमाउंट की राशि से लेकर बड़ी से बड़ी रकम को बैंकों के द्वारा डिजिटली ट्रांसफर किया जा रहा है। पैसे के लेनदेन की यह प्रक्रिया काफी आसान और त्वरित होती है। इस वजह से बिजिनेस में करने में काफी सहूलियतें आयी हैं। पैसों के डिजिटल लेनदेन के लिए बैंकों में प्रायः दो तरह की प्रक्रिया अपनायी जाती हैं NEFT और RTGS ये दोनों ही माध्यम काफी आसान, सुरक्षित और लोकप्रिय हैं। जहाँ एक ओर छोटे लेनदेन के लिए लोग NEFT का प्…
खोया और छेना में क्या अंतर होता है भारत को मिठाईयों का देश कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मिठाईयों में यहाँ के लोगों की जान बसती है। कोई भी ख़ुशी का मौका हो बिना मिठाई का वह अधूरा माना जाता है। यहाँ तक दुःख के अवसरों पर जैसे मृतक श्राद्ध आदि में मिठाइयों का चलन है। भारत में मिठाइयों का मूलाधार मुख्यतः दूध और दूध से प्राप्त उत्पाद होते हैं। इन दुग्ध उत्पादों में खोया और छेना की प्रमुखता होती है। वैसे तो खोया और छेना दोनों दूध से तैयार होते हैं किन्तु प्राप्ति के तरीके से लेकर उपयोग आदि में दोनों में काफी अंतर होता है …
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