मुस्लिमों के मज़हबी केंद्रों की जब बात आती है तो दो चीज़ें सामने आती हैं मस्जिद और ईदगाह। दोनों जगह अल्लाह के इबादत के लिए बनायीं जाती हैं दोनों जगह नमाज अदा की जाती है। किन्तु एक प्रश्न सामने आता है जब दोनों जगह नमाज अदा की जाती है तो दो तरह की चीजों की क्या आवश्यकता है ? कई लोगों के दिमाग में यह प्रश्न उठता है आखिर मस्जिद और ईदगाह में अंतर क्या है ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आइये देखते हैं मस्जिद और ईदगाह किसे कहते हैं मस्जिद क्या होता है मस्जिद मुसलमानों का धार्मिक स्थल होता है। इस जगह पर वे इकठ्ठा होकर नमाज अदा करते हैं। यह एक ईम…
आस्तिक व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य ईश्वर से साक्षात्कार भी होता है। वह सारे कामों को करते हुए भी ईश्वर को नहीं भूलता। वह अपने दिनचर्या का कुछ हिस्सा ईश्वर को याद करने में भी देता है। इसके द्वारा वह ईश्वर को उसकी कृपा के लिए जहाँ एक ओर धन्यवाद् देता है वहीँ दूसरी ओर अपने मंगल के लिए उनसे प्रार्थना भी करता है। इस प्रार्थना के लिए वह ईश्वर का स्मरण कई माध्यमों द्वारा करता है और इन्हीं माध्यमों में संगीत भी एक माध्यम है जिसके द्वारा वह ईश्वर में लीन होना चाहता है। भक्ति संगीत की दो परम्पराएं हमारे यहाँ प्रचलित हैं जिनमे भजन और कीर्तन खूब ल…
इंडिया गेट और गेट वे ऑफ़ इंडिया भारत की न केवल ऐतिहासिक इमारतें हैं बल्कि ये दोनों दुनियां में भारत की पहचान भी हैं। दोनों जगह हमेशा पर्यटकों का ताँता लगा रहता है। इंडिया गेट और गेट वे ऑफ़ इंडिया को लेकर न केवल विदेशों में बल्कि अपने देश भारत में भी लोग अकसर भ्रमित हो जाते हैं और दोनों को एक समझ बैठते हैं। ये दोनों अलग अलग हैं और दोनों का अपना अपना इतिहास है दोनों के बनने के मकसद भी जुदा जुदा हैं। आइए आज हम पढ़ते हैं दोनों के बारे में और देखें दोनों में क्या अंतर है। इंडिया गेट इंडिया गेट जिसे अखिल भारतीय युद्ध स्मारक भी कहा जाता है नयी दिल…
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