पूरी दुनियां नमक की आपूर्ति के लिए या तो नमक के खदानों पर निर्भर है या फिर समुद्र और झीलों पर। दोनों ही स्रोतों से प्राप्त नमक हमारे भोजन को न केवल स्वादिष्ट बनाते हैं बल्कि हमारे शरीर में खनिजों की भी पूर्ति करते हैं। चट्टानी नमक जिसे आम बोलचाल की भाषा में सेंधा नमक भी बोला जाता है समुद्री नमक या साधारण नमक से गुणों में थोड़ा भिन्न होता है। अपने कुछ विशिष्ट गुणों की वजह से यह आयुर्वेदाचार्यों की पसंद तो होता ही है उपवास व्रत आदि में भी यह प्रयुक्त होता है। आज के इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे सेंधा नमक क्या है तथा साधारण या समुद्री नमक क्या है औ…
भारत में फसलों को उनकी उपज के समय के हिसाब से दो प्रकार में बांटा गया है। कुछ फसलें बरसात के मौसम में होती हैं तो कुछ फसलें जाड़ों में पैदा होती हैं। फसलों के ये दो प्रकार होते हैं खरीफ और रबी। जहाँ खरीफ फसल मॉनसूनी फसल होती है अर्थात ये फसलें मॉनसून के शुरू होने से लेकर मॉनसून के समाप्त होने तक तैयार होती हैं वहीँ रबी फसलें जाड़े की शुरवात में लगायी जाती हैं और बसंत ऋतू में इनकी फसल तैयार होती है। खरीफ और रबी दोनों फसलें अपनी कुछ विशिष्टाओं की वजह से एक दूसरे से काफी भिन्न होती हैं। खरीफ फसल किसे कहते हैं खरीफ फसल को मॉनसूनी फसल भ…
Difference Between Import and Export पुराने जमाने से ही दुनियां के देश एक दूसरे से व्यापार करते चले आये हैं। एक समय था भारत गरम मसालों के लिए पुरे विश्व में जाना जाता था। दूर दूर देशों के व्यापारी यहाँ खरीदारी करने आया करते थे। इसी तरह ढाका का मलमल विदेशों में खूब ख़रीदा जाता था। देश विदेश की इसी खरीद बिक्री की परम्परा आगे बढ़ते बढ़ते विश्व व्यापार का रूप ले ली है। आज हर देश दूसरे देश को या तो अपना माल बेच रहा है या वहां से कुछ खरीद रहा है। इस बेचने और खरीदने की प्रक्रिया आयात और निर्यात कहलाती है। आज के इस पोस्ट में हम पढ़ेंगे आयात किसे कहते…
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