राज्यपाल और उपराज्यपाल अथवा लेफ्टिनेंट गवर्नर में क्या अंतर है भारत में शासन की दृष्टि से दो तरह की सरकारों का प्रावधान है एक संघीय शासन व्यवस्था और दूसरी राज्य शासन व्यवस्था। केंद्र को अपने सभी राज्य सरकारों के साथ समन्वय बना कर चलना होता है। इसके लिए हर राज्य में केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की नियुक्ति की जाती है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू और कश्मीर, पुड्डुचेरी और दिल्ली में भी विधान सभा की व्यवस्था की गयी है और इन राज्यों में राज्यपाल की तरह का एक पद सृजित किया जाता है जिसे…
Difference Between Loksabha And Rajyasabha लोकसभा क्या है, राज्य सभा क्या है, लोकसभा और राज्य सभा में क्या अंतर है ? लोकसभा और राज्य सभा दोनों में अधिक शक्तिशाली कौन है? लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या कितनी होती है? लोकसभा और राजयसभा के सदस्यों का चुनाव कैसे होता है? लोकसभा और राजयसभा के सदस्यों के लिए क्या उम्र तथा अन्य योग्यताएं होनी चाहिए? यदि आपके मन में भी यही सवाल उठ रहे हैं तो आपको इस पोस्ट को जरूर विस्तार पूर्वक पढ़ना चाहिए। भारतीय संविधान के अनुसार संसद के दो सदनों की व्यवस्था की गयी है। इसमें निचले सदन को लोकसभा और ऊपर…
ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर है Difference Between Opinion Poll And Exit Poll चुनावों का मौसम आते ही अख़बारों और टीवी पर ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल की चर्चा बड़े जोर शोर से होने लगती है। इस तरह के सर्वेक्षण काफी पहले से ही जनता की राय बताने लगते हैं। चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा, किसकी सरकार बन रही है कौन जीत रहा है कौन हार रहा है सारे विश्लेषण सामने आने लगते हैं। क्या आपने कभी गौर किया है ये ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल क्या हैं और ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर है ? आइये आज इस पोस्ट के माध्यम से हम जानकारी हासिल करे इन दोन…
इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप समाज के ताने बाने पर काफी प्रभाव पड़ा। एक तरफ तेजी से शहरीकरण हुआ वहीँ दूसरी ओर गांव से भारी संख्या में लोगों का शहरों की तरफ पलायन हुआ। कल कारखानों की वजह से समाज दो वर्गों में विभक्त हो गया एक पूंजीपति वर्ग जिनके पास अथाह पैसा था तो दूसरा मजदुर वर्ग जो दस बारह घंटे काम करने के बावजूद किसी तरह से अपनी जीविका चला पाते थे। समाज के इस अंतर ने जनता के अंदर काफी असंतोष भर दिया और इसका नतीजा हुआ साम्यवाद का जन्म। लोगों ने ऐसे व्यवस्था का अविष्कार किया जिसमे सभी लोग बराबर हों और कोई किसी का शोषण शोषण न …
समाजवाद और साम्यवाद दोनों का उद्द्येश्य व्यक्ति की समानता होता है। औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप संसार में उद्योग धंधों का जाल बिछ गया। जहाँ इन उद्योगों से विकास ने रफ़्तार पकड़ी वहीँ इसने समाज में दो वर्ग पैदा कर दिया। पूंजीपति वर्ग और मजदुर वर्ग। समाज की इस द्विवर्गीय व्यवस्था ने समाज में असमानता को बढ़ावा दिया और दोनों वर्गों में गहरी खाई बनती गयी। इस व्यवस्था के फलस्वरूप होने वाले शोषण ने दुनिया को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया और इसी से दो सिद्धांत या दो विचारों का जन्म हुआ समाजवाद और साम्यवाद। इन दोनों विचारों ने समाज में एक नय…
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