हमारा जीवन विद्युत् पर इतना निर्भर हो चूका है कि इसके बिना लगता है जैसे जीवन ठप्प हो जायेगा। दिन तो दिन यहाँ तक की रात में सोने के बाद भी विद्युत् पर हमारी निर्भरता बनी रहती है। यह हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके बिना हम क्षण भर नहीं गुजार सकते। हम अपने दैनिक जीवन में कई बार विद्युत् का प्रयोग करते हैं। विद्युत् प्रयोग करते समय अकसर हमें एक बात देखने को मिलती है और वो ये है कि कई यंत्रो पर ऐसी तो कई पर डीसी लिखा रहता है। आईये देखते है कि AC और DC में क्या अंतर है। वास्तव में विद्युत् इल…
समाचारपत्रों, पत्रिकाओं और रेडियो टीवी न्यूज़ में जब भी किसी देश की चर्चा होती है तब एक शब्द अकसर प्रयोग किया जाता है विकसित देश या विकासशील देश। भारत के सन्दर्भ में अकसर विकासशील शब्द का प्रयोग किया जाता है। विकसित और विकासशील शब्दों से कुछ बातें तो समझ में आ ही जाती है कि वैसे देश जो काफी विकसित हैं उनको विकसित देश तथा वे देश जो विकास की प्रक्रिया में हैं उनको विकासशील देश कहा जाता है किन्तु आईये देखते हैं दोनों में बुनियादी अंतर क्या है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व के देशों को उनकी मानव विकास सूचकांक HDI ,जीडीपी, प्रति व्यक…
दोस्तों किसी भी देश के लिए उसका राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत उसकी अस्मिता और उसकी पहचान से जुड़ी हुई होती है। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत देश को एकसूत्र में पिरोने का भी कार्य करती है। यह देश की धरोहर होती है और सम्मान का प्रतिक होती है। हर देश का अपना एक राष्ट्रगान होता है। हमारे देश में भी हमारा राष्ट्रगान "जन गण अधिनायक जय है भारत भाग्य विधाता है" जो सभी राष्ट्रीय त्योहारों पर गाया जाता है। हमारे देश में राष्ट्रगान के अलावे एक राष्ट्र गीत भी है। इसे भी राष्ट्रीय त्योहारों पर गाया जाता है। हमारा राष्ट्रगीत "वंदे मातरम "ह…
आज के कैशलेस ज़माने के दौर में मार्किट में कई तरह के कार्ड नज़र आने लगे हैं जैसे एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड, वीज़ा कार्ड, रूपे कार्ड, मास्टर कार्ड आदि। इन कार्डों ने पुरे मार्किट को बदल के रख दिया है। इन कार्डों ने कैश की कई तरह की समस्याओं का समाधान कर दिया है कैश ले जाने और लाने में पहले कई तरह की परेशानियां होती थीं वे सारी समस्याएं कहीं दूर खो सी गयीं हैं। हालाँकि ये सारे कार्ड कैशलेस लेनदेन के विकल्प के रूप में मौजूद हैं फिर भी इनमे कुछ न कुछ बुनियादी फर्क हैं। कई बार फर्क न जानने पर कई तरह के कन्फ्यूजन भी हो जाते हैं। आज के इस पोस्ट में ह…
डायबिटीज यानि की मधुमेह जिसे आम बोलचाल की भाषा में शुगर होना भी कहते हैं एक लाइलाज बीमारी है। कई बार तो वर्षों तक मरीज को इसका पता भी नहीं चल पाता। और जब पता चलता है तब तक खासा नुकसान हो चूका होता है। इसी वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं। इसकी भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल भारत में इसके करीब पांच करोड़ मरीज हैं। यह मनुष्य के कई अंगों को जैसे आँख, ह्रदय, गुर्दा आदि को नुकसान पहुंचाता है। डायबिटीज अभी तक के अध्ययनों और शोधों से पता चलता है कि इसे पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया जा सकता किन्तु राहत की बात है कि इसे नि…
मलेरिआ और टाइफाइड में क्या अंतर है दोस्तों हमारे देश के साथ साथ कई उष्णकटिबंधीय देशों में जहाँ बारिश अच्छी खासी होती है वहां बरसात और उसके बाद के सीजन में कई बीमारियों को प्रकोप रहता है। इन्ही बीमारियों में मलेरिया और टाइफाइड भी प्रमुख हैं। वैसे तो दोनों बीमारियों में मरीज को तेज बुखार और कमजोरी महसूस होती है मरीज थका थका सा दीखता है फिर भी दोनों बीमारियां एकदम से अलग हैं। कई बार लोग इन्हें सामान्य बुखार समझ कर लापरवाही कर बैठते हैं और स्थिति गंभीर हो जाती है। कई बार कुछ लक्षणों के आधार पर लोग टाइफाइड की जगह मलेरिया का इलाज कराने ल…
डेमू (DEMU) और मेमू (MEMU) ट्रेनें क्या हैं और इनमे क्या अंतर है Differences between DEMU and MEMU Trains दोस्तों आजकल कई स्टेशनों पर एक नए तरह की ट्रैन दीख रही हैं। आम बोलचाल में इसे लोग डेमू कहते हैं। कई जगह इसी तरह की ट्रेनों को मेमू भी कहते सुना जाता है। आइए आज हम जानते हैं डेमू (DEMU) और मेमू (MEMU) ट्रेनें क्या हैं और इनमे क्या अंतर है। डेमू और मेमू दोनों ट्रेनें भारत में कम दूरी की पैसेंजर ट्रेनें हैं जो धीरे धीरे सामान्य पैसेंजर ट्रेनों की जगह ले रहीं हैं। ये ट्रेनें आधुनिक हैं और इनके सञ्चालन में अपेक्षाकृत कम खर्च आता है। य…
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