हमारा देश एक लोकतंत्र है और इस देश में अपनी बात रखने का सबको अधिकार है। लोकतंत्र की अन्य विशेषताओं में एक विरोध करने का अधिकार हमारे प्रजातंत्र की मजबूती और परिपक्वता की निशानी है। हम सरकार की किसी बात से सहमत या असहमत हो सकते हैं। सरकार से हम अपने हक़ और अपने न्याय के लिए आवाज भी उठा सकते हैं। हमारे देश में जनता के हक़ को सरकार तथा सम्बंधित संस्थाओं तक पंहुचाने के लिए अकसर धरना और प्रदर्शन का सहारा लिया जाता है। धरना और प्रदर्शन के द्वारा जनता अपनी असहमति भी सरकार तक पंहुचा सकती है। आज के इस पोस्ट में आईये हम देखते हैं धरना और प्रदर्शन कि…
आज हम चर्चा करने जा रहें हैं इस धरती के दो विशाल जीवों के बारे में जिनके विषय में लोग अकसर कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं और दोनों के आकार और भारी शरीर देखकर एक ही समझ बैठते हैं। जीहाँ हम बात कर रहें हैं दरियाई घोड़े और गैंडे की। दरियाई घोडा और गैंडा जिन्हें हिप्पोपोटामस और राइनोसेरोस कहा जाता है बिलकुल ही अलग अलग जीव हैं। दोनों में अंतर जानने के पहले आईये पहले दोनों के बारे में जान लें। दरियाई घोडा हिप्पोपोटामस या हिप्पो दरियाई घोडा जिसे हिप्पोपोटामस भी कहते हैं एक विशाल या यूँ कहें कि धरती का दूसरा सबसे भारी एम्फीबियन जीव है। यह एक स्तनधारी…
मुस्लिमों के मज़हबी केंद्रों की जब बात आती है तो दो चीज़ें सामने आती हैं मस्जिद और ईदगाह। दोनों जगह अल्लाह के इबादत के लिए बनायीं जाती हैं दोनों जगह नमाज अदा की जाती है। किन्तु एक प्रश्न सामने आता है जब दोनों जगह नमाज अदा की जाती है तो दो तरह की चीजों की क्या आवश्यकता है ? कई लोगों के दिमाग में यह प्रश्न उठता है आखिर मस्जिद और ईदगाह में अंतर क्या है ? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए आइये देखते हैं मस्जिद और ईदगाह किसे कहते हैं मस्जिद क्या होता है मस्जिद मुसलमानों का धार्मिक स्थल होता है। इस जगह पर वे इकठ्ठा होकर नमाज अदा करते हैं। यह एक ईम…
आस्तिक व्यक्ति के जीवन का एक उद्देश्य ईश्वर से साक्षात्कार भी होता है। वह सारे कामों को करते हुए भी ईश्वर को नहीं भूलता। वह अपने दिनचर्या का कुछ हिस्सा ईश्वर को याद करने में भी देता है। इसके द्वारा वह ईश्वर को उसकी कृपा के लिए जहाँ एक ओर धन्यवाद् देता है वहीँ दूसरी ओर अपने मंगल के लिए उनसे प्रार्थना भी करता है। इस प्रार्थना के लिए वह ईश्वर का स्मरण कई माध्यमों द्वारा करता है और इन्हीं माध्यमों में संगीत भी एक माध्यम है जिसके द्वारा वह ईश्वर में लीन होना चाहता है। भक्ति संगीत की दो परम्पराएं हमारे यहाँ प्रचलित हैं जिनमे भजन और कीर्तन खूब ल…
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